6/19/2011 09:10:00 AM Edit This 0 Comments »
कुछ मोती पिरो के,प्रेम के
अपना नया जहां बनाएंगे,
कुछ शिकवे दूर करके मन से,
अपना नया आसमान बनाएंगे,
कुछ धागे जोड़कर अरमानो के,
अपने नए ख्वाब सजाएंगे,
कुछ फूल खिलाकर,नए एहसासों के,
अपना उपवन हम महकाएँगे,
जिसमे मुस्कुराहटें और खुशियाँ हो,
ऐसी अनोखी दुनिया हम बनाएंगे|

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